हरीश शर्मा, ओंकारेश्वर। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कोठी के जंगलों में एक तेंदुआ मूर्छित अवस्था में पाया गया, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पिछले एक हफ्ते से तेंदुआ शहरी क्षेत्रों में देखा जा रहा था, जिससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ था। सोमवार को ग्राम धावड़िया के जंगल में अजय यादव के खेत में यह तेंदुआ मूर्छित अवस्था में पाया गया, जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई।
सूचना मिलते ही वन विभाग, राजस्व विभाग और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सुलगांव से महिला पशु चिकित्सक डॉ. ज्योति भावरे को भी मौके पर बुलाया गया, जो अपने छोटे बच्चे को साथ लेकर पहुंचीं और तेंदुए का रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे इलाज के लिए वन विभाग के पशु चिकित्सालय में ले जाया गया।
वन विभाग की कार्रवाई
ओंकारेश्वर वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर रवि सेठ ने बताया कि सूचना मिलते ही विभाग का पूरा अमला ग्राम धावड़िया के जंगल पहुंचा। तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे इलाज के लिए भेजा गया है। डॉ. ज्योति भावरे ने कहा कि तेंदुए का इलाज किया जा रहा है और उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि वह कैसे घायल हुआ।
उल्लेखनीय है कि यह तेंदुआ पिछले एक हफ्ते से तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों में भी देखा गया था, जिसे लल्लूराम डॉट कॉम लगातार दिखा रहा था। सोमवार को धावड़िया के खेत में गंभीर अवस्था में पाया गया तेंदुआ अब वन विभाग की निगरानी में है।
कैसे घायल हुआ तेंदुआ ?
तेंदुए के बारे में कहा जाता है कि वह 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और एक दिन में लगभग 150 किलोमीटर तक का सफर तय कर लेता है। लेकिन जिस हालत में यह तेंदुआ खेत में मिला, उससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि या तो जंगली शिकारियों ने उसे घायल करने की कोशिश की या फिर किसी जानवर का शिकार करते समय वह स्वयं घायल हो गया। इस सवाल का जवाब तेंदुए के इलाज के बाद ही मिल पाएगा।
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