हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर के रेलवे इतिहास में एक बड़ी सफलता के रूप में इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना को आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना इंदौर के विकास को नई दिशा देगी और मध्य प्रदेश के उन जिलों तक रेलवे की सुविधा पहुंचाएगी, जो अब तक इससे वंचित थे। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया है।
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सांसद शंकर लालवानी ने 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री से मिलकर इस परियोजना के लिए अनुरोध किया था। इसके बाद, रेल मंत्री के साथ कई दौर की बैठकों के बाद यह मंजूरी हासिल की गई। इस परियोजना के माध्यम से इंदौर और मुंबई के बीच सबसे छोटे रेल मार्ग का जुड़ाव होगा, जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को रेल मार्ग से जोड़ने का कार्य करेगा।
18,036 करोड़ रुपए की लागत वाली यह परियोजना 2028-29 तक पूरी होने की उम्मीद है। जिससे 102 लाख मानव-दिवसों के प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की संभावना है। परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा है, जो देश के।पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़कर पर्यटन और व्यापार में वृद्धि करेगा।
इसके साथ ही, यह क्षेत्र के धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करेगी और पीथमपुर ऑटो क्लस्टर को जेएनपीए गेटवे पोर्ट से जोड़ने का कार्य करेगी। इस नई रेलवे लाइन से कृषि उत्पादों और अन्य सामग्रियों के परिवहन में भी सुविधा होगी, जो देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में वितरण को सुगम बनाएगी। साथ ही, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल रेलवे प्रणाली से देश की रसद लागत कम करने में भी मदद मिलेगी।
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