आकिब खान, हटा। सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का बैशक दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिसका उदाहरण दमोह जिले के हटा में देखने को मिला है. जहां सरकारी अस्पताल बंद होने के कारण आदिवासी महिला प्रसव से तड़पती रही. कुछ देर बाद महिला ने अस्पताल के बाहर फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.

दरअसल, यह मामला बर्धा उप स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां इमलिया गांव से मनीषा आदिवासी डिलीवरी कराने पहुंची थी. लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला जड़ा हुआ था. वह प्रसव पीड़ा तड़पती रही. बाद में उसने अस्पताल के बाहर फर्श पर बच्चे को जन्म दे दिया. कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा को 108 सेवा से मड़ियादो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. जहां दोनों का परीक्षण और उपचार किया गया.

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मनीषा के सास सीताबाई का कहना है कि इमलिया गांव से बर्धा अस्पताल पहुंचे. लेकिन ताला बंद होने से अस्पताल के बाहर ही बहू ने बच्चे को जन्म दिया. मामले में सिविल अस्पताल हटा बीएमओ का कहना है कि बर्धा में पदस्थ केंद्र प्रभारी अवकाश पर थी. जबकि ANM टीकाकरण ड्यूटी पर थी. जिसके कारण केंद्र बंद था. मामले की जानकारी के तुरंत बाद जच्चा-बच्चा दोनों को मड़ियादो केंद्र शिफ्ट किया गया है.

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