आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. गांजा तस्करी मामले में फर्जी तरीके से फसाए गए बस्तर के 4 पत्रकारों को जमानत मिल गई है. आज राजमेहन्द्री न्यायालय में चारों की याचिका पेश की गई थी. न्यायालय में दलीलों के बाद कुछ शर्तों पर चारों पत्रकार बप्पी राय, शिवेंदु त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह को जमानत दी गई.
विशेष न्यायाधीश शिव कुमार ने इस शर्त के साथ जमानत दी है कि जब तक चार्जशीट दाखिल नहीं हो जाती, चारों पत्रकारों को हर मंगलवार चिंतुर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी के समक्ष उपस्थित होना होगा. इसके अलावा न्याय की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं डालेंगे. यह रिहाई 20 हजार के व्यक्तिगत बांड और प्रत्येक के लिए 2 स्थानीय जमानतदारों के साथ की जाएगी. कहा जा रहा है कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद यानी 2 दिनों में चारों पत्रकारों की रिहाई होगी.
बता दें कि बस्तर के पत्रकार बप्पी राय, शिवेंदु त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह के खिलाफ आंध्रप्रदेश के चिंतुर थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया गया है. एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत यह मामला कोर्ट में चल रहा था. आज के आदेश के बाद पत्रकारों ने राहत की सांस ली है.
जानिए पूरा मामला
कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर आरोप है कि रेत माफिया से मिलकर उसने सुनियोजित तरीके से पत्रकारों के वाहन में गांजा रखवाया और फिर चिंतुर थाना के पुलिस को इसकी सूचना दी. इस सूचना के आधार पर चिंतुर पुलिस ने गाड़ी में जांच के दौरान गांजा जब्त कर चारों पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया. स्थानीय पत्रकारों ने इस पूरी साजिश की जांच की मांग की. इसके बाद सुकमा एसपी ने जांच टीम बनाई और दोषी पाने पर कोंटा थाना प्रभारी को निलंबित किया.
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