कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह के ट्रामा सेंटर आईसीयू अग्निकांड मामले में अब तक तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि आग लगने के दौरान जब उन्हें बाहर शिफ्ट किया गया, तब ऑक्सीजन न मिलने के चलते उनकी मौत हुई है। इस तरह अग्निकांड में मंगलवार सुबह 08 बजे से देर रात 08 बजे तक तीन मरीजों ने दम तोड़ा है। हालांकि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आरकेएस धाकड़ शिफ्टिंग के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत की बात को सिरे से नकार रहे हैं।

दरअसल, मंगलवार सुबह ट्रॉमा सेंटर आईसीयू में आग लग गई थी। आईसीयू के सीलिंग AC में लगी आग के बाद अफरा तफरी का माहौल मच गया था। इस दौरान आईसीयू के अंदर 10 मरीज भर्ती थे। इनमें 06 वेंटिलेटर और 04 ऑक्सीजन स्पोर्ट पर थे। लेकिन जब आगजनी के दौरान इन्हें बचाने की कोशिश की गई, तब सभी को बाहर शिफ्ट किया। परिजनों का आरोप है कि इसी शिफ्टिंग के दौरान ऑक्सीजन न मिलने पर सबसे पहले शिवपुरी जिले के रहने वाले 63 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता आजाद खान की मौत हुई। इसके बाद मुरैना जिले के अंबाह की 55 वर्षीय रजनी राठौर, फिर छतरपुर जिले के 32 वर्षीय बाबू पाल ने दम तोड़ दिया।

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वहीं इस मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आरकेएस धाकड़ का कहना है कि तीनों मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई है बल्कि वह तीनों मरीज गंभीर स्थिति में थे। इस घटना को लेकर विभाग अध्यक्ष न्यूरो सर्जरी, ट्रॉमा और मेडिसिन इंचार्ज के साथ तैयार विस्तृत रिपोर्ट की है। दूसरी ओर PWD, नगर निगम के साथ मिलकर फायर और इलेक्ट्रिसिटी को लेकर एक कमेटी बनाई गई है। इसके अलावा एक आंतरिक कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें पांच लोग शामिल हैं। वह भी इस पूरे घटना की जांच कर रहे हैं।

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