लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी अपनी जड़ों को फिर से जमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. साथ ही अपने वोट बैंक पर फिर से पकड़ बनाने के लिए नए प्रयोग भी कर रही है. ऐसे में मायावती का बयान एक बार फिर सुर्खियों में है. उन्होंने महापुरुषों, संतों और गुरुओं, राजा महाराजाओं को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने महाराष्ट्र में मूर्ति गिरने के प्रकरण में सरकार से दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए इसको राजनीति से दूर रखने के लिए अपील की है.
उन्होंने X पर लिखा है कि- ‘किसी भी समुदाय व धर्म से जुड़े राजा, महाराजाओं, सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के किसी भी मामले में नकारात्मक नहीं बल्किी सकारात्मक सोच रखनी चाहिये तथा इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं.’
‘उन्होंने लिखा कि इनकी मूर्तियों को लगाने व नाम रखने आदि का भी इस्तेमाल, सकारात्मक नजरिये से होना चाहिये, ना कि इनकी आड़ में किसी भी प्रकार का द्वेष पूर्ण व राजनीतिक स्वार्थ छिपा होना चाहिए. जो अब देखने के लिए मिल रहा है. अति दुर्भाग्यपूर्ण.
महाराष्ट्र की तरह अन्य किसी भी राज्य में खुद मूर्ति गिरने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होनी चाहिये, ना कि इसकी आड़ में कोई राजनीति होनी चाहिये, तो यही बेहतर होगा.’
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