प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट से 60 साल के एक बुजुर्ग ने दूसरी शादी के बाद भी पारिवारिक पेंशन जारी रखने की गुहार लगाई है. बुजुर्ग का कहना है कि पत्नी की मौत के बाद यही उसका एक मात्र सहारा है. लेकिन पुनर्विवाह सेहत की देखरेख के लिए जरूरी है. ये दलील देकर बुजुर्ग ने प्रदेश सरकार की ओर से तीन दिसंबर 2012 को जारी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी है.
इधर कोर्ट मौजूदा प्रावधान की स्पष्टता पर विचार कर रहा है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डी. रमेश की खंडपीठ कर रही है. कोर्ट में कमरूल इस्लाम सिद्दकी ने स्वास्थ्य और तन्हाई का हवाला देकर पुनर्विवाह करने की इच्छा जताई है. दरअसल, कमरूल की पत्नी मेहर दरख्शां करछना के प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक थीं. जिनकी 2018 में मृत्यु हो गई.
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पत्नी की मौत के बाद बेटी हुजैफा, असमियां और उन्हें आश्रित घोषित किया गया. हुजैफा को मां की जगह नौकरी मिल गई. जबकि, याची को पारिवारिक पेंशन मिलने लगी. बेटियां शादी के बाद ससुराल चली गईं. वहीं, कोरोना काल से बीमार चल रहे कमरूल अब घर में अकेले हैं. जो कि किडनी के संक्रमण से पीड़ित हैं.
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