इंफाल। मणिपुर में फिर से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. स्थिति को काबू में करने के लिए अबकी बार रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को बुलाया गया है. इसके साथ पूरे मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.
सितंबर के पहले हफ्ते से मणिपुर में हिंसा का पुराना रूप फिर से नजर आ रहा है. ड्रोन से हवाई बमबारी से लेकर आरपीजी लॉन्च करने और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है. घाटी में हत्याओं के बाद कोओर्डिनेटिंग कमेटी की ओर से ‘सार्वजनिक आपातकाल’ की घोषणा की गई है.
इस बीच COCOMI (कोओर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी) ने अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों से पांच दिनों के भीतर संकट से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई की मांग की गई है. इसके साथ संदेश दिया गया है कि ऐसा न होने पर लोग अपनी और मूल आबादी की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे, जिसमें मणिपुर से केंद्रीय बलों का निष्कासन भी शामिल है.
सेना ने तैनात किए एंटी ड्रोन सिस्टम
मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा का दौर शुरू हुआ था. लेकिन 16 महीने बाद भी राज्य में शांति बहाल नहीं हुई. आलम ब यह है कि मणिपुर में हिंसा में शामिल समुदायों के पास ऐसे हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर युद्ध में किया जाता है. सेना को मजबूरी में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करना पड़ा रहा है. वहीं कुकी और मैतई समुदाय लोगों ने पहाड़ों और घाटियों में अपने-अपने बंकर बना रखे हैं.