विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में DGP प्रशांत कुमार के ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ का बड़ा असर देखने को मिला है। अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के लिये पिछले साल एक जनवरी से शुरू हुआ ‘आपरेशन कनविक्शन अभियान अपने मकसद में कामयाब हुआ है। 13 महीने चले इस अभियान में प्रभावी पैरवी और वैज्ञानिक साक्ष्यों से 50 हजार से अधिक अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। इसके लिये हर अपराध में आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। डीजीपी प्रशांत कुमार इस अभियान की रोजाना मानीटरिंग करते थे। इस अभियान को अच्छे से संचालित करने के लिये एडीजी क्राइम को नोडल अधिकारी बनाया गया था।
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डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि माफिया, महिला व बच्चों से जुड़े अपराध व समाज में दहशत व्याप्त करने वाले अपराध जैसे हत्या-लूट,धर्मांतरण जैसे 20-20 मुकदमों को हर महीने चिन्हित कर उन्हें प्राथमिकता में शामिल किया गया। एडीजी क्राइम के पर्यवेक्षण में ‘इन्वेस्टीगेशन, प्रॉसिक्यूशन व कनविक्शन नाम से पोर्टल का इस्तेमाल किया गया। इसके जरिये ही रोजाना की प्रगति को जिलों की ओर से फीड किया जाता था।
87 माफिया को मिली सजा, 44 को फांसी
डीजीपी ने बताया कि इस अभियान में 87 माफिया, पोक्सो-महिला सुरक्षा मामलों के 6944, हत्या-लूट जैसे सनसनीखेज अपराधों में लिप्त 15541 और अन्य अपराधों के 27438 अपराधियों को सजा सुनाई गई। इन आरोपितों में 44 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई। चार हजार से अधिक आरोपितों को आजीवन कारावास मिला। एक जुलाई 2023 से नौ सितम्बर, 2024 के बीच 72 हजार 815 प्रकरण चिन्हित किये गये थे। इसमें 36 हजार375 आरोपितों को दोषी साबित किया गया।
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