लक्षिका साहू, रायपुर. राजधानी रायपुर में पार्किंग व्यवस्था के लिए चौक चौराहों में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया गया है, जहां रोज सैकड़ों लोग अपनी गाड़ी निश्चिंत होकर पार्क करते हैं. ऐसा ही एक मल्टीलेवल पार्किंग रायपुर के जयस्तंभ चौक में भी बनाया गया है, लेकिन यहां की स्थिति देखकर आप हैरान और परेशान हो जाएंगे, क्योंकि पार्किंग का बेसमेंट पूरी तरह से पानी में डूबा है. लगभग 8-10 फीट पानी लबालब भरा हुआ है.
आसपास के इलाके का पानी बेसमेंट के ही दीवारों में पड़ी दरारों से बेसमेंट में पहुंच रहा है. बिल्डिंग स्ट्रक्चर के जानकार का कहना है कि हर बिल्डिंग के स्ट्रक्चर का डिज़ाइन अलग-अलग बातों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. किसी भी बिल्डिंग का बेस उसे खड़े रखने का काम करती है और यदि लंबे समय तक बेसमेंट ही पानी में डूबा रहे तो इससे नींव प्रभावित होता है.
बेसमेंट के दीवारों से पानी आने का मतलब है कि दीवारें पहले से कमजोर हो चुकी है. इलेक्ट्रिक कनेक्शंस और सर्किट होते हैं, जिससे हादसे का डर बना होता है. बेसमेंट में ही पिलर्स होते हैं, जो पानी में डूबे रहने से प्रेशर नहीं झेल पाएंगे, जो अंततः बिल्डिंग स्ट्रक्चर ध्वस्त होने का कारण बन सकती है.
अधिकारियों को है जानकारी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं
मल्टीलेवल पार्किंग के रखरखाव का जिम्मा रायपुर नगर निगम पर है. वहां मौजूद कर्मियों का कहना है कि निगम के अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी है. कुछ समय पहले अधिकारियों ने पानी खाली भी कराया था, लेकिन उस पर ध्यान नहीं देने की वजह से पानी का स्तर अब धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है, जो निगम की एक बड़ी लापरवाही को उजागर करता है.
15 करोड़ की लागत से बना है मल्टीलेवल पार्किंग
15 करोड़ की लागत से बनाए गए जयस्तंभ चौक के इस तीन मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग में दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और दो फ़्लोर का रविभवन, एमजी रोड, मालवीय रोड और आसपास के व्यापारी पार्किंग के लिए उपयोग करते हैं. यहां 240 कार और 350 से अधिक दोपहिया पार्क किए जा सकते हैं, जिसका एक बेसमेंट पूरा डूब चुका है. यहां की गंदगी और अव्यवस्था से आम जनता परेशान तो हैं ही, लेकिन अब ये हादसों को भी दावत दे रहा है.
पानी निकासी के लिए निर्देश दिया है : सभापति
इस मामले में निगम के सभापति प्रमोद ने हाल ही में इसकी जानकारी मिलने की बात कही. उन्होंने बताया कि योजना शाखा के प्रमुख इमरान ख़ान, एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को पानी निकासी के लिए तत्काल निर्देश दिया गया है. पानी कहां से आ रहा है, इसकी जानकारी नहीं है. इसके बारे में पता कर तत्काल कार्रवाई कराई जाएगी.
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