लखनऊ. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को 9 राजभवन कालोनी में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हुई है. अपराधियों के हौसले पस्त हुए हैं. आम जनता निष्पक्ष और भय मुक्त वातावरण में अपना जीवन यापन कर रही है. कारोबारी, उद्योगपति, हमारे बच्चे, हमारे युवा साथी, अपनी दैनिक दिनचर्या करने के साथ ही प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाकर के सरकार की नीतियों के साथ जुड़कर के प्रदेश को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि हम प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं. यह हम अपने संकल्प पत्र में भी लिख चुके हैं. अभी हाल ही में जो घटना हुई है- सुल्तानपुर में ज्वेलर्स के यहां दिनदहाड़े लूट हुई, कई दिनों से अखबारों में, सोशल मीडिया में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विपक्षी पार्टियों खासकर समाजवादी पार्टी के लोग जिस ढंग से डकैतों का संरक्षण करने का काम कर रहे हैं, अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं, उनको अपने परिवार का पता नहीं है.
ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश की जनता के समक्ष कुछ तथ्य रखना चाहता हूं. सुल्तानपुर की घटना में पुलिस तत्परता दिखाते हुए हमारी सरकार ने गंभीरता से जांच कराई है. तथ्यों पर जानकारी एकत्रित की है. जो लोग वांछित थे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, उनके मोबाइल लोकेशन निकाल करके वांछित लोगों की पड़ताल करके पहचान करके कार्रवाई प्रारंभ की है. उस कार्रवाई के दौरान जो अपराधी पकड़े गए वे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. ढेर सारे लोग पकड़े भी गए हैं. चाहे सुल्तानपुर की घटना हो या प्रदेश की कोई भी घटना हो, समाजवादी पार्टी हमेशा अपराधियों के समर्थन में रहने का कार्य करती रही है. ये पहला वाकया देख रहा हूं, जहां पर समाजवादी पार्टी जिस व्यक्ति के यहां अपराध हुआ उस ज्वेलर्स के समर्थन में एक भी शब्द उनके मुखिया की तरफ से नहीं निकला. जिस व्यक्ति की यहां हत्या हुई है उसके समर्थन में पीड़ित के साथ खड़े होने के बजाय हमेशा से समाजवादी पार्टी अपराधियों के साथ खड़े होने का दावा करती है. जिस बेटी के साथ रेप हुआ है समाजवादी पार्टी कभी उसके साथ खड़ी नजर नहीं आई. आई भी तो केवल अपराधियों को बचाने के लिए.
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सपा की सरकार अपराधियों को पोषित करती थी- डिप्टी सीएम
उन्होंने कहा कि मैं सुल्तानपुर घटना का जिक्र फिर करना चाहता हूं. सुल्तानपुर घटना में वांछित अपराधियों को हमारी पुलिस ने गिरफ्तार किया और पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा. अब समाजवादी पार्टी जाति के आधार पर उसके समर्थन में जुट गई है. हमारे सरकार की प्रतिबद्धता है कि अपराधी अपराधी होता है, अपराधी की कोई जाति नहीं होती. मैं कहना चाहता हूं कि हमारे साथ सर्व समाज के लोग जुड़े हुए हैं. हमारी सरकार किसी व्यक्ति विशेष की सरकार नहीं है. यह सबकी सरकार है. सबके हितों की चिंता करती है. लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में कानून के राज को स्थापित करें और हर स्थिति में लोगों को भय मुक्त वातावरण प्रदान करें. हम जानते हैं कि इस घटना में जो लोग वांछित थे उनके घर से 2.5 किलो से ज्यादा का सोना बरामद हुआ जो लूट हुई थी और सबसे बड़ी बात है समाजवादी पार्टी प्रेस कांफ्रेंस करके जनता को गुमराह करके असफल प्रयास कर रही है. जबकि प्रदेश की जनता जानती है कि समाजवादी पार्टी अपराधियों को जब-जब सरकार रही है तब तक पुष्पित पल्लवित करती रहती है.
कभी होता था नंगा नाच- डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें याद है इसी राजधानी लखनऊ में हजरतगंज के क्षेत्राधिकार को लोहिया वाहिनी के गुंडो ने पुलिस अधिकारी को बोनट पर घुमाया था. लोहिया वाहिनी के गुंडो ने नंगा नाच किया था. फिर उनकी हिम्मत देखिए कि जब समाजवादी पार्टी सरकार थी उसी जीप को ले जाकर के एसएसपी लखनऊ के बंगले में घुसा दिए थे और एसएसपी लखनऊ के माध्यम से उन गुंडो को जिन लोगों ने क्षेत्राधिकारी हजरतगंज को बोनट पर टंगा था, उनको बचाने का काम किया था. आज तक उस घटना में कितनों की सजा हुई है यह समाजवादी पार्टी जानती है. दूसरी घटना का जिक्र करना चाहता हूं- बदायूं में जो घटना घटी थी उसकी चर्चा पूरे देश और दुनिया में हुई थी. समाजवादी पार्टी उसका जवाब आज तक नहीं दे पाई है.
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पूरे देश ने भय की स्थिति का सामना किया था- डिप्टी सीएम
तीसरी घटना मैं याद दिलाना चाहता हूं- मथुरा के जवाहर बाग कांड को कौन भुलेगा. हमारे पुलिस अधिकारी वीरगति को प्राप्त हुए थे. ये समाजवादी पार्टी के संरक्षण की ही देन है कि जब-जब समाजवादी पार्टी सरकार बनती है तब तब अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और भोली भाली जनता का अमन चैन टूटता है. उनकी संपत्ति भी लुटाती है और बहू बेटियों की आबरू भी खतरे में रहती है. मुजफ्फरनगर कांड को कौन भूल सकता है. मुजफ्फरनगर में हमारी बहन बेटी के साथ दुर्व्यवहार हुआ था. उस समय क्या हुआ था. केवल अपने वोट के चक्कर में वोट के बंटवारे के चक्कर में अपने किसी व्यक्ति को छोड़ दिया था. गिरफ्तारी नहीं हुई थी. पूरे देश ने भय की स्थिति का सामना किया था. मुजफ्फरनगर दंगे में कितने लोग मारे गए थे जो निरपराध थे. समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए.
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