राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की लाइफ लाइन मां नर्मदा एक बार फिर पूरी तरह निर्मल होगी. सीएम डाॅ मोहन यादव ने नर्मदा नदी को पूरी तरह निर्मल बनाने और प्रवाह को अविरल बनाए रखने के लिए खास योजना तैयार की है. इसके तहत अमरकंटक से लेकर प्रदेश के आखिरी छोर तक नदी में एक बूंद सीवेज नहीं मिलने दिया जाएगा. वहीं नर्मदा किराने बसे धार्मिक स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
नर्मदा नदी का उदगम स्थल अमरकंटक
मां नर्मदा नदी के समग्र विकास के लिए गठित की गई मंत्रिमंडल समिति की पहली बैठक हुई. बैठक में सीएम ने नर्मदा नदी में खनन करने वाली मशीनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि नदी के दोनों ओर कम से कम पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती हो. नर्मदा नदी का उदगम स्थल अमरकंटक है. जो 1313 किलोमीटर चलकर खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती हैं. मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी की लंबाई 1079 किलोमीटर है. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि नर्मदा नदी के दोनों ओर विद्यमान जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में साल और सागौन के पौधरोपण
और जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहित किया जाए. समृद्ध बॉयोडायवर्सिटी के संरक्षण व प्रोत्साहन गतिविधियों में वनस्पति शास्त्र और प्राणी शास्त्र के विशेषज्ञों को जोड़ते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं. इसके साथ ही नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए. इससे कीटनाशक व अन्य रसायनों के नर्मदा जी में जाने से रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि नर्मदा क्षेत्र में भू-गर्भ की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों का भी संरक्षण किया जाए.
ड्रोन से रहेगी नजर
सीएम ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए नर्मदा नदी के आसपास चलने वाली गतिविधियों पर सैटलाइट इमेज और ड्रोन से नजर रखी जाए. जीआईएस से दोनों ओर के क्षेत्र चिन्हित किए जाएं. नर्मदा परिक्रमा को प्रमुख धार्मिक पर्यटन गतिविधि के रूप में विकसित किया जाए. परिक्रमा पथ पर होम स्टे, भोजन व्यवस्था और इन्फाॅर्मेशन सेंटर से स्थानीय युवाओं को जोड़ा जाए.
नर्मद किनारे 21 जिले, 1138 गांव
मां नर्मदा के किराने 21 जिले बसे हैं. इनमें 68 तहसीलें हैं. 1138 गांव हैं तो 1126 घाट हैं. 430 प्राचीन शिव मंदिर हैं और दो शक्तिपीठ हैं.
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