शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की सबसे विश्वसनीय ब्रांड ‘सांची’ को अगले 5 साल के लिए एनडीडीबी के हवाले किया गया है। यह बोर्ड अब नए तरीके से सांची ब्रांड का मेकओवर करेगा। लेकिन सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी ने से नाराजगी जाहिर की है और सवाल खड़े किए हैं। वहीं युवा कांग्रेस आने वाले समय में विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बना रही है।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह यादव का कहना है कि एमपी में किसानों को लेकर फिर हम बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। सांची को बचाने के लिए हम आंदोलन करेंगे। प्रदेश भर के डेयरी संचालक, कर्मचारी, पशुपालकों के साथ मिलकर ये आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि मध्य प्रदेश की पहचान सांची को हमें बचाना है। हमारी पहचान को हम छीनने नहीं देंगे। किसी अन्य कंपनी से हमें कोई आपत्ति नहीं, चाहे जहां व्यापार करें। लेकिन सांची को रहने दें। यूथ कांग्रेस ने आरोप भी लगाया कि गुजरात के लोगों से चंदा लेकर धंधा दिया जा रहा है।
उधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ किया है कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) से समझौते के बाद भी ‘‘सांची’ बरकरार रहेगा और सहकारी दुग्ध संघों के किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के कर्मचारियों ने बातचीत में कहा, हमारा प्रयास रहेगा कि एनडीडीबी के साथ हुए करार से प्रदेश में दूध उत्पादन और डेयरी क्षेत्र की सहकारी गतिविधियां बढ़ें। लेकिन हम दुग्ध संघों के एक भी अधिकारी-कर्मचारी को तय वक्त से पहले सेवानिवृत्त नहीं करेंगे। हम सभी कर्मचारियों को पहले की तरह दुग्ध संघों से जोड़कर रखेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य का डेयरी ब्रांड ‘‘सांची’’ बरकरार रहेगा और इसमें कोई भी बदलाव नहीं होगा।उन्होंने कहा, सांची ब्रांड का अपना महत्व है। राज्य के लोगों का इस ब्रांड से आत्मीय जुड़ाव है।