जौनपुर. बरसठी थाना क्षेत्र के सुखलालगंज से हैरतअंगेज और बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है. किन्नर समाज के एक समूह पर गांव के प्रधान और उनके साथियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया. पीड़ित किन्नर बबली ने आरोप लगाया है कि प्रधान आशा किन्नर ने गांववालों के साथ मिलकर यह हमला करवाया है. जिसमें कई किन्नर गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें किन्नरों को स्कॉर्पियो गाड़ी से जबरन उठाया जा रहा है.
पीड़ित किन्नरों का आरोप है कि उन्हें गाड़ी में भरकर एक कमरे में ले जाया गया, जहां उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया गया. उनके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट पहुंचाई गई और मिर्च पाऊडर भरने जैसी घिनौनी हरकतें की गईं. यह घटना उस समाज पर होने वाले शारीरिक और मानसिक अत्याचार की चरम सीमा को दर्शाती है, जिन्हें भारतीय संविधान समान अधिकार और सम्मान प्रदान करता है. बबली किन्नर की शिकायत पर पुलिस ने सभी घायलों को जिला अस्पताल भेजकर मेडिकल परीक्षण करवाया है. लेकिन अभी तक किसी पर मामला दर्ज नहीं हुआ है. पीड़ित किन्नरों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उन्हें जल्द इंसाफ नहीं मिला, तो वे अपने न्याय के लिए आंदोलन करेंगे.
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सवाल यह है कि आखिर कब तक किन्नर समाज को इस तरह की बर्बरता और भेदभाव सहना पड़ेगा? क्या प्रशासन और समाज इनकी पीड़ा को समझने के लिए तैयार हैं? संविधान ने तो इन्हें सम्मान और समान अधिकार दे दिए हैं, लेकिन समाज कब उन्हें इस सम्मान का हिस्सा बनाएगा? इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कानून के रखवाले कब जागेंगे और समाज के सबसे हाशिए पर खड़े वर्ग को इंसाफ देंगे.
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