खाने के बाद कुछ मीठा हो जाए। आपने यह बात अक्सर लोगों से सुनी होंगी। यह युगों-युगों से चला आ रहा है कि खाने के बाद लोग मीठा खाते हैं या खाना पसंद करते हैं। अब यह हमारा कस्टम (रिवाज) बन गया है। अब तो आयुर्वेद भी कह रहा है कि खाने के बाद मीठा खाने से काफी प्रॉब्लम्स दूर हो जाती हैं। आयुर्वेद में मीठे या मिठाई को बहुत महत्व दिया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, मीठा पित्त को शांत करता है। शरीर को ऊर्जा देता है। इससे हमारी पाचन क्रिया अच्छी होती है। एक और खास बात कि यह डिप्रेशन यानी तनाव कम करता है। तो चलिए जानते हैं मीठे के फायदे, खाने के बाद खाने से।
ये है मीठा खाने के फायदे
एसिडीटी में आराम
आयुर्वेद कहता है कि खाने के बाद थोड़ा सा मीठा खाने से पेट में अम्ल की तीव्रता कम होती है। ऐसा करने वालों को पेट में जलन या एसिडिटी जैसी दिक्कत नहीं होतीं।
पाचन क्रिया में सुधार
अगर आप खाने के बाद मीठा खाते है, तो निश्चित है कि आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा। इतना ही नहीं मीठा खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। मीठा खाने से आंतों की मसल्स मजबूत बनती हैं। खाने के बाद मीठा खाने से मोटापा, डायबिटीज और अन्य समस्याओं में कमी आती है।
डिप्रेशन कम करता है मीठा
मीठा खाने से मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक हार्मोन का स्तर काफी बढ़ता है, जो कि मन को काफी ज्यादा शांत करता है।
सबसे बड़ा सवाल कौन सा मीठा खाना उचित होगा
आयुर्वेद के अनुसार, खाने के बाद ताजा फल, शहद, गुड़ या मिश्री खाएं। इनमें नेचुरल शुगर होती है, जो नुकसानदायक नहीं होती। प्रोसेस्ड शुगर या चीनी से बनी मिठाइयां न खाएं, इनमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में मीठा न खाएं, एक बैलेंस डाइट बनाएं। ताकि शरीर को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
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