विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस भी सभी सीटों पर अपने प्रभारी/पर्यवेक्षक नियुक्त कर चुकी है. ऐसे में मिर्जापुर की मझवां सीट की जिम्मेदारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मिलने से सियासी हलचल तेज हो गई है. वहीं करहल में तौकीर रजा को प्रभारी बनाये जाने के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इन दोनों सीट को अगर आधार माना जाए तो गठबंधन की गांठे खुलती हुई दिखाई दे रही है. हालांकि कांग्रेस संगठन के उच्चाधिकारियों से बातचीत में वो शीर्ष नेतृत्व को गठबंधन पर विचार करने का हवाला दे रहे हैं.
बता दें कि 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस पहले से ही 5 सीट की मांग सपा से कर रही है. जिसमें मझवां, गाज़ियाबाद, फूलपुर, खैर और मीरापुर सीट शामिल है. हालांकि इस पर अभी समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है. मिर्जापुर की मझवां सीट की ज़िम्मेदारी मिलने पर कांग्रेस में ऐसे भी कयास लगाए जा रहे है. जिसमें ये बताया जा रहा है कि इस सीट से अजय राय खुद नहीं तो परिवार के किसी सदस्य को चुनावी रण में उतार सकते हैं.
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क्या है अब तक का इतिहास
मझवां सीट पर कांग्रेस और बसपा का दबदबा हमेशा से ही रहा है. जिसमे की यहां से 8 बार कांग्रेस, 5 बार बसपा और 2 बार भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है. जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी दहलीज को पार करने में सफल हुआ है.
जातिगत समीकरण
90 हजार ब्राह्मण यहां निर्णायक भूमिका में हैं. जबकि 25 हजार भूमिहार, दलित और बिंद करीब 60 हजार हैं. दलित और बिंद मतदाताओं के साथ सवर्ण मतदाताओं की स्थिति के मद्देनजर ही इस सीट के लिए बसपा से कांग्रेस में आये सदल प्रसाद को पर्यवेक्षक और अजय राय जो भूमिहार बिरादरी से आते है, उनको प्रभारी बनाया गया है.
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