AAP solicit resignation from Swati Maliwal: आतिशी (Atishi) दिल्ली की नई सीएम (Delhi CM) बन हईं हैं। AAP विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया। इसी के साथ ही आतिशी के सीएम बनना तय हो गया। आतिशी को सीएम बनने पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने उन्हें डमी सीएम बताते हुए कहा था कि यह दिल्ली के लिए दुखद दिन है। आतिशी पर स्वाति मालीवाल के इस प्रतिक्रिया पर AAP ने स्वाति मालीवाल से इस्तीफा मांगा है। आप ने कहा कि अगर उनमें थोड़ी भी शर्म है तो उन्हें राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा का रास्ता चुनना चाहिए। तो आइए जानते हैं पिछले दिनों मालिवाल कांड होने के बाद भी और पार्टी पर लगातार हमले करने के बावजूद आम आदमी पार्टी आखिर सांसद स्वातिमाल को पार्टी से क्यों नहीं निकाल रही है। पेच कहां फंसा है…

आतिशी को सीएम बनाने पर भड़कीं स्वाति मालीवाल, बोलीं- जिसके पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने की कोशिश की, उसे ही बना दिया मुख्यमंत्री- Swati Maliwal On Delhi CM Atishi

स्वाति मालीवाल ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी थी। आप सांसद ने आगे लिखा कि- उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी। उनके हिसाब से अफ़ज़ल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साज़िश के तहत फँसाया गया था।

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दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने आतिशी को डमी सीएम बताते हुए कहा कि वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ ‘Dummy CM’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. भगवान दिल्ली की रक्षा करे!

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अगर पार्टी निलंबित कर दे तो क्या होगा

ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी स्वाति मालीवाल को पार्टी से निलंबित करती है तो उन्हें पार्टी का निर्देश मानते रहना होगा। लेकिन, इससे स्वाति मालीवाल के लिए ये फायदा होगा कि उन्हें राज्यसभा के सदस्य बने रहने में कोई दिक्कत नहीं रहेगी और वो सांसद बनी रहेंगी।

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अगर बर्खास्त कर दे तो क्या होगा

वहीं, अगर पार्टी उन्हें बर्खास्त कर देती है तो इस स्थिति में पार्टी के लिए नुकसान होगा। ऐसे में स्वाति मालीवाल पार्टी से बाहर तो हो जाएंगी, लेकिन वो सांसद बनी रहेंगी। इसके साथ ही उन्हें पार्टी का कोई आदेश भी नहीं मानना होगा। दूसरी ओर, सदन में आप का एक सांसद कम हो जाएगा। अगर आप उन्हें बर्खास्त भी करती है तो स्वाति मालीवाल सांसद रहते वक्त तक किसी दल को ज्वाइन नहीं कर सकती हैं।

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कब पार्टी खत्म करवा सकती है सदस्यता

स्वाति मालीवाल की संसद सदस्यता दो परिस्थितियों में जा सकती है। या तो वो खुद पार्टी से इस्तीफा दे दें या फिर पार्टी की ओर से जारी किसी निर्देश का उल्लंघन करते हुए वह पार्टी लाइन के खिलाफ सदन में वोटिंग करे या वोटिंग से अनुपस्थित रहे। इस स्थिति में पार्टी सदस्यता खत्म करवा सकती है और इसके लिए खास प्रावधान है। इसके लिए पार्टी को अपने सदस्य के खिलाफ 15 दिनों के भीतर शिकायत करने की जरूरत होती है। इसके बाद स्वाति मालीवाल की सदस्यता मुश्किल में आ सकती है।

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