बेबदबी की घटनाओं और डेरा मुखी राम रहीम को माफी देने के मामले में तनखैया घोषित किए गए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के बाद, अब उनके कैबिनेट के अन्य मंत्री भी श्री अकाल तख्त साहिब में क्षमा याचना के लिए पहुंचने लगे हैं।
गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए और जत्थेदार को अपना स्पष्टीकरण सौंपा।
पेशी के बाद मीडिया से बात करते हुए बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि उन्होंने लिखित और मौखिक दोनों रूपों में, जिस प्रकार से भी क्षमा याचना की जा सकती थी, वह की है। वह हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के सामने सिर झुकाते रहे हैं और आगे भी झुकाते रहेंगे। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा, वह उसे सिर-माथे पर स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, “जो भी सजा होगी, मैं उसे सिर-माथे पर लूंगा।”
मीडिया से बातचीत के दौरान बिक्रम मजीठिया ने किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया। उनसे अकाली दल में चल रहे आंतरिक मतभेदों पर सवाल किया गया, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया। जब उनसे बाकी 16 पूर्व मंत्रियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। आज वे एक विनम्र सिख के रूप में श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे हैं और जो भी सजा मिलेगी, उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
इसके साथ ही उन्होंने बागी धड़े और अन्य लोगों को नसीहत दी कि गुरु साहिब स्वयं श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष हाजिर हैं। ऐसी स्थिति में उनके सामने कोई चाल न चलें और सच्चे सिख की तरह आकर पेश हों।
अकाली दल पंजाब के भले की बात करता है – मजीठिया
मजीठिया ने आगे कहा कि वे गलती करने वाले हैं और गुरु साहिब क्षमा करने वाले हैं। गुरु साहिब हमेशा अपने विनम्र बच्चों की गलतियों को माफ कर देते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में केवल शिरोमणि अकाली दल ही है जो पंजाब के भले की बात कर सकता है। उनकी पार्टी आगे भी सूबे के लोगों की भलाई के लिए पूरी मेहनत से काम करती रहेगी।
पूरा मामला क्या है
गौरतलब है कि 2007 में हुई बेअदबी की घटनाओं को लेकर अकाली दल के बागी नेताओं ने पार्टी के तत्कालीन मंत्रियों के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब पर शिकायत पत्र दिया था, जिसमें उन्हें तलब करने की मांग की गई थी। इसके बाद जत्थेदार श्री अकाल तख्त ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिंह साहिबानों से चर्चा के बाद सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद सुखबीर सिंह बादल ने अपने पांच अन्य पूर्व कैबिनेट मंत्रियों के साथ श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपना स्पष्टीकरण दिया। हालांकि, उनकी सजा पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
अब देखना होगा कि बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा इस मामले में क्या स्पष्टीकरण दिया गया है। जल्द ही उनके पत्र के सार्वजनिक होने की संभावना है, जिसके बाद ही पता चलेगा कि उन्होंने अपनी सफाई में क्या कहा है।
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