कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बुधवार को आखिरकार तिघरा बांध के सभी 7 गेट खोल दिये गए. बांध का वाटर लेवल जैसे ही 738 फीट के ऊपर पहुंचा वैसे ही जल संसाधन विभाग ने कलेक्टर से चर्चा के बाद बांध के गेट खोल दिये. गेट खोले जाने से पहले बांध जल निकासी प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी करने मुनादी और अलार्म बजाया गया.
दरअसल, बीते साल तिघरा बांध कम बारिश के चलते भर नही पाया था, जिसके कारण शहर में पानी सप्लाई एक दिन छोड़कर की जा रही थी. लेकिन, इस बार अच्छे मानसून के चलते शहर की लाइफ लाइन तिघरा बांध लबालब हो गया. ऐसे में वाटर लेवल जैसे ही 738 फीट के ऊपर पहुंचा वैसे ही बांध के बारी-बारी से सभी 7 गेट खोल दिये गए. इस मौके पर ग्वालियर कलेक्टर नगर निगम कमिश्नर और जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
कलेक्टर ने जल संरक्षण का दिया संदेश
इस खास मौके पर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि आज WRD की टीम के द्वारा बांध के सभी सात गेट खोले गए हैं. इस बार अच्छी बारिश रही जिसका नतीजा आज सभी के सामने है इसलिए यह बहुत खुशी का पाल है, क्योंकि इस बार गर्मी के मौसम में शहर वासियों ने पानी की बहुत बड़ी समस्या को फेस किया था. ऐसे में सभी को पानी की बर्बादी को होने से रोकना भी चाहिए.
सैलानियों ने क्या कहा?
वहीं घूमने पहुंची छात्रा वर्षा और उसकी बहन मेघा का कहना है कि मौसम बहुत खूबसूरत था, ऐसे में परिवार के साथ घूमने के लिए यहां पहुंचे, लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि इस दौरान अचानक मालूम चला कि बांध के सभी 07 गेट खोले जा रहे हैं. जिसका दृश्य आंखों के साथ ही मोबाइल में कैद किया है, जो हमेशा यादगार रहेगा. वहीं लुफ्त उठाने के लिए गरमा गरम भुट्टे भी खाकर इस पल को इंजॉय किया.
आपको बता दें कि तिगरा बांध के सभी साथ गेटों के जरिए लगभग 4000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है, जो सांक नदी से होते हुए पिलौआ बांध पहुंचेगा. पानी छोड़े जाने के कारण सांक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, ऐसे में नदी किनारे क्षेत्रो में अलर्ट जारी किया गया है.
ग्वालियर जिले के यह प्रभाव क्षेत्र विशेष अलर्ट मोड़ पर रहेंगे-
- तिघरा गांव
- कैथा गांव
- तालपुरा गांव
- महिदपुर गांव
- पृथ्वीपुर गांव
- कुलैथ गांव
- अगरा भटपुरा गांव
- दुगनावली गांव
- तिलघना गांव
मुरैना जिले के यह प्रभाव क्षेत्र विशेष अलर्ट मोड़ पर रहेंगें
- पहाड़ी गांव
- जखोदा गांव
- बामोर गांव
सैलानियों की बढ़ी संख्या
बुधवार सुबह से जारी बारिश के चलते एक ओर मौसम खुशनुमा हो गया है तो, वहीं तिघरा बांध के गेट खोले जाने के चलते वहां सैलानियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. घूमने पहुंच रहे सैलानियों का कहना है कि यह अद्भुत नजारा हर कोई अपने मोबाइल में कैद करना चाहता है, क्योंकि लंबे इंतजार के बाद बांध के गेट खुले हैं.
1916 में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने तिघरा बांध को कराया था तैयार
गौरतलब है की साल 1916 में इंजीनियरिंग के पिता कहे जाने वाले मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने तिघरा बांध को तैयार कराया था. उस समय वे मैसूर रियासत के चीफ इंजीनियर थे और तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया के आग्रह पर उन्होंने इसका निर्माण कराया था. उनकी दूरदर्शिता का ही कमाल है कि यह बांध आज भी शहर की प्यास बुझाने का काम कर रहा है. उस समय तिघरा को माधव सागर झील कहा जाता था और यह देश का पहला ऐसा जलाशय है, जहां पहली बार सी-प्लेन भी उतरा था.
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