Shimla Masjid controversy: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला के संजौली में अवैध रूप से मस्जिद निर्माण (Sanjauli Illegal mosque construction case) को लेकर हिंदू संगठन आज बड़ा प्रदर्शन करने वाले हैं। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए संजौली पुलिस छावनी में तबदील हो गया है। यहां सुरक्षा के लिए एक हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद में अवैध निर्माण और बाहरी राज्यों से बिना वेरिफिकेशन आ रहे लोगों के खिलाफ विशाल आंदोलन हो रहा है।
हिंदू संगठनों ने 11 सितंबर को सुबह 11 बजे संजौली चौक पर एकत्रित होने का आह्वान किया है। इससे पहले यहां सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। लाके में एक हजार से ज्यादा पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।
मंगलवार देर रात जिला शिमला उपायुक्त अनुपम कश्यप और जिला शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी मौके पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान यहां पुलिस जवानों ने मार्च भी किया। अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- 2023 की धारा- 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया गया है। इसके तहत जिला के संजौली क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।
यह आदेश 11 सितंबर को सुबह 7 बजे लेकर रात 11:59 बजे तक लागू रहेंगे। जिला दंडाधिकारी अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। स्कूल और सरकारी व निजी कार्यालय के साथ बाजार पूरी तरह से खुला रहेंगे। इसके अलावा अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र या राज्य विरोधी भाषण, नारे, दीवार लेखन और पोस्टर पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल बुधवार (4 सितंबर) को हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में संजौली अवैध मस्जिद निर्माण का मुद्दा गूंजा था। सदन में नियम 62 के तहत विधायक बलबीर वर्मा और हरीश हरीश जनारथा ने इस पर प्रस्ताव लाए थे। वहीं, संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह अधिकारी पर भड़कते नजर आए। उन्होंने कहा संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण होता रहा और प्रशासन सोया रहा। उन्होंने कहा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि ये मामला मस्जिद, मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल का नहीं है। ये मामला वैध और अवैध निर्माण का है। यह मामला नगर निगम की कोर्ट में 2010 से चल रहा है। इस दौरान मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से खड़ी कर दी गई। पहले मस्जिद की जगह पर एक सिंगल दुकान थी, जिस पर सरकार का मालिकाना हक है. ऐसे में इस जगह पर मस्जिद का नक्शा पास ही नहीं हो सकता है, जो सरासर नगर निगम की गलती है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अगर मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ है तो इसे गिराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां तो मकान के छज्जे बढ़ाने पर लोगों का बिजली पानी का कनेक्शन काट दिया जाता है, ऐसे में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
ग्रामीण बोले- दो परिवार से सैकड़ों पहुंची संख्या
संजौली निवासी 73 वर्षीय श्याम लाल ने बताया कि पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के दो परिवार ही यहां रहते थे, लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई, जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और 2 मंजिल की थी। कोरोना काल और उसके बाद मस्जिद के काम में तेजी लाई गई। अब यहां 5 मंजिला मस्जिद बन चुकी है। उन्होंने बताया कि नमाज के वक्त यहां लोगों की इतनी भीड़ होती है। इससे स्थानीय लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है।
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