सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद देश के हाईकोर्ट में जजों और चीफ जस्टिस की नियुक्ति नहीं किए जाने पर केंद्र सरकार ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के जरिए अपना जवाब दाखिल किया .
अटॉर्नी जनरल ने CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि कॉलेजियम द्वारा हाईकोर्ट में जज और चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति के लिए जिन नामों की सिफारिश की गई है, उनमें से कई के बारे में केंद्र सरकार के पास ‘संवेदनशील तथ्य’ आए हैं. इस कारण सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के क्रियान्वयन में देरी हो रही है.
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आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार की ओर से जो तथ्यपरक संवेदनशील जानकारी मिली है, उसे सार्वजनिक करना न तो संस्थान के हित में होगा और न ही इसमें शामिल न्यायाधीशों के हित में. लिहाजा वह पीठ के समक्ष इस जानकारी को सीलबंद लिफाफे में रखना चाहेंगे. ताकि 3 न्यायाधीशों तक ये बातें गोपनीय रूप में पहुंचाई जा सकें. CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ वकील हर्ष विभोर सिंघल की उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के महीनों बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार कई उच्च न्यायालयों में चीफ जस्टिस और जजों कह नियुक्ति को मंजूरी नहीं दे रही.
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अटॉर्नी जनरल ने कही ये बात
याचिका में कहा गया है कि यदि कोई आपत्ति नहीं उठाई जाती है, या यदि नियुक्तियों को निर्दिष्ट अवधि के अंदर अधिसूचित नहीं किया जाता है, तो नियुक्तियों को पुष्टि माना जाना चाहिए.
20 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने तय की है. जुलाई में, कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में आठ मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की थी, जिसमें न्यायमूर्ति मनमोहन, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं, को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रस्तावित किया गया है. अन्य नामों में न्यायमूर्ति MS रामचंद्र राव का हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण, न्यायमूर्ति राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति सुरेश कैत को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति नितिन जामदार को केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति केआर श्रीराम को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में और न्यायमूर्ति ताशी रबस्तान को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शामिल किया गया है.
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