रायपुर । प्रदेश के नंबर वन न्यूज वेब पोर्टल लल्लूराम डॉट कॉम में खबर लगने के बाद छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष के बयान से किनारा कर लिया है। संघ ने अध्यक्ष नीलमणि दुबे के बयान को व्यक्तिगत करार दिया है और इस पर कोई जिम्मेदारी नहीं ली। संघ ने यह चेतावनी भी दी है कि भविष्य में किसी सदस्य को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। हालांकि, नीलमणि दुबे अब भी अपने बयान पर अडिग हैं।

बता दें कि शुक्रवार शाम हुए तहसीलदारों के तबादले के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। पहले एक निलंबित तहसीलदार की पदस्थापना को लेकर सवाल उठाए गए। वहीं तहसीलदारों के तबादले पर सवाल उठाते हुए संघ के अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर तबादला करने की आशंका भी जाहिर कर दी।

अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा कि जो मंत्री बंगले के आगे नतमस्तक हुए, उन्हें मनचाही जगह पर पोस्टिंग दी गई है। इस ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार का कोई क्राइटेरिया नहीं बनाया गया है। किसी का एक वर्ष के अंदर ही स्थानांतरण कर दिया गया है, तो किसी का 3 वर्ष के बाद। मंत्री जी यह बताने का कष्ट करेंगे कि किसी भी अधिकारी का 3 वर्ष के बाद ही स्थानांतरण करने का नियम है, लेकिन इसमें एक वर्ष, दो वर्ष किसी भी क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया है। इस पोस्टिंग में घोर अनियमितता है।

नीलमणि दुबे ने कहा, जिस व्यक्ति का 6 महीने बाद रिटायरमेंट है, उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। 55 वर्ष के व्यक्ति जो आईसीयू में भर्ती हैं, उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। न तो स्वास्थ्य का क्राइटेरिया है और न ही उम्र का क्राइटेरिया, इस पोस्टिंग में कोई क्राइटेरिया नहीं है। उन्होंने कहा, पिछले 2 साल में यह मेरा छठवां ट्रांसफर है। मेरे परिवार पर क्या बीत रही है, मुझ पर क्या बीत रही है। आप 2 साल में मेरा 6-6 बार ट्रांसफर कर रहे हैं।

संघ के अध्यक्ष ने कहा, जानबूझकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट किया गया है। मैं अध्यक्ष हूं, मेरा ट्रांसफर मोहला मानपुर कर दिया गया है, क्योंकि मैं संघ का अध्यक्ष हूं और मैं लोगों की बातों को रायपुर आकर रखता हूं। मुझे जानबूझकर मोहला मानपुर भेज दिया गया है, ताकि मैं किसी भी प्रकार की बातों को रायपुर में नहीं रख पाऊं। उन्होंने कहा, राकेश देवांगन संघ के सक्रिय सदस्य हैं, उनका रायपुर से उठाकर सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया है। संघ के पदाधिकारी गुरुदत्त पंच भये को दुर्ग में एक साल हुआ है, उनका ट्रांसफर बलरामपुर कर दिया गया है। संघ के प्रवक्ता पेखंड टोकरे को सुकमा भेज दिया गया है। यह षड़यंत्रकारी नीति है।

नीलमणि दुबे के इस बयान के बाद संघ ने लल्लूराम डॉट कॉम के नाम से बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके बयान का खंडन किया और उसे नीलमणि दुबे का व्यक्तिगत बयान बताया। संघ ने कहा कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का इस बयान से कोई सरोकार नहीं है। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि भविष्य में किसी सदस्य को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।

अपने बयान पर कायम हैं दुबे

वहीं, संघ की ओर से जारी बयान के बाद, जब हमने प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे से बात की, तो उन्होंने बताया कि वह अपने बयान पर अब भी कायम हैं। इस मामले को लेकर वह अपने साथियों के साथ हाईकोर्ट भी जाएंगे।

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