अयोध्या. तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का दावा करने के बाद अयोध्या में भी हड़कंप मच गया है. दावा यह भी किया जा रहा है कि तिरुपति के लड्डू राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी आया था. यही नहीं हनुमानगढ़ी में भी लड्डू चढ़ाने की धार्मिक परंपरा है. इस सब के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इंतजार करने की बात तो कही है, लेकिन इस पर कोई भी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया देने से साफ मना कर दिया है.
बता दें कि आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की बात तेलुगु देशम पार्टी कह रही है. टीडीपी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार यानी जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसी के कार्यकाल के दौरान यह मिलावट हुई थी. इस विवाद की आग अब अयोध्या तक पहुंच गई है. इसका सबसे बड़ा कारण इस बात का सामने आना है कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान तिरुपति से लड्डू आया था.
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इसको लेकर राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कितने लड्डू आए थे यह तो हमको नहीं पता. ट्रस्ट को पता होगा, लेकिन जो भी लड्डू आया उसका प्रसाद बंटा, जो अब पता चल रहा है वह बहुत ही दूषित रहा. यह एक खतरनाक षड्यंत्र है. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के बयान के बाद रामनगरी अयोध्या में भी तिरुपति लडडू को लेकर जांच की मांग उठी है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जांच रिपोर्ट के इंतजार की बात कही है और कहा है कि श्रीराम मंदिर में तो केवल इलायची दाना ही प्रसाद के रूप में बंटता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हमसे कोई संबंध नहीं, हम तो इलायची दाना देते हैं. मैं तो अपने जीवन में कभी 1981 में तिरुपति गया था और इतनी दूर बैठकर मैं इसलिए टिप्पणी कर दूं कि सोशल मीडिया और मीडिया में आ रहा है यह मेरे लिए उचित नहीं है.
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