शिखिल ब्यौहार, भोपाल. मध्य प्रदेश में डॉ मोहन यादव की सरकार आनंद ग्राम विकसित करने जा रही है. प्रदेश सरकार ने गांवों को आनंदमय बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत, प्रदेश के विभिन्न गांवों को ‘आनंद ग्राम’ के रूप में विकसित किया जाएगा.

यह पहल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी और इसका मुख्य उद्देश्य गांवों में सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का वातावरण बनाना है.

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आनंद विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों में तनाव मुक्ति और आनंदित व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है.

इस परियोजना के अंतर्गत पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, नगरीय निकाय कर्मी और पुलिस कर्मी विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. यह प्रशिक्षण गांवों में तनाव प्रबंधन और आनंदित व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए होगा.

हैप्पीनेस के पैमाने पर मूल्यांकन के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों या आईआईटी के सहयोग से अध्ययन कराया जाएगा. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कार्यक्रम की प्रभावशीलता और लाभकारी परिणामों का सही तरीके से मूल्यांकन किया जा सके.

आनंद ग्राम विकसित का क्या है उद्देश्य?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में एक सकारात्मक और सहयोगात्मक वातावरण का निर्माण करना है. सद्भावना, भाईचारा और आनंद की भावना को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीणों की मानसिक और सामाजिक भलाई को भी ध्यान में रखा जाएगा.

आनंद ग्राम परियोजना के प्रारंभ के साथ ही प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि गांवों में न केवल विकास के नए आयाम सामने आएं बल्कि वहां के निवासियों की खुशहाली और समाजिक समरसता में भी सुधार हो.

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