हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की इच्छा कई कांग्रेस नेताओं के असंतोष की वजह बन रही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे में खासा विरोध हो रहा है. कहा जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी AAP के साथ गठबंधन से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
अब तक कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी नहीं की है. फिलहाल, 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं.
AAP के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस में ही असहमति बन रही है. नौबत यहां तक आ गई है कि हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता हुड्डा पार्टी की एक बैठक तक बीच में छोड़कर चले गए. पार्टी नेतृत्व कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकता है, जिसे लेकर हुड्डा कैंप में असंतोष बना हुआ है.
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कांग्रेस ने AAP के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए एक उप समिति भी गठित की है. इसके अलावा पैनल करीब 2 दर्जन सीटों पर भी उम्मीदवारों का फैसला लेगी, जहां आंतरिक सहमति नहीं बन पा रही है. खबर है कि पार्टी के वरिष्ठ सांसदों से इस समिति ने मुलाकात की है. सिर्फ हुड्डा ही नहीं, लेकिन कई वरिष्ठ नेता भी आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं.
सीएलपी नेता हुड्डा खासतौर से नाखुश नजर आ रहे हैं, क्योंकि AAP जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाह रही है, वहां उनके नेता मौजूद हैं. इन सीटों में पेहोवा, कलायत और जींद का नाम शामिल है. राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस और AAP के बीच सीट शेयरिंग हो, जो INDIA समूह की एकता का संदेश दे, लेकिन पार्टी के कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं.
बुधवार को जब AAP के साथ सीट शेयरिंग का प्रस्ताव रखा गया, तो हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान पार्टी मीटिंग से बाहर चले गए. हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस मामले को निपटाने की कोशिश की, लेकिन दोनों ही नेता नहीं माने. कांग्रेस नेतृत्व अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ भी 1 या 2 सीटें बांटने पर जोर दे रहा है. हुड्डा और भान ने AAP और सपा के साथ आलाकमान के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है.
विधायकों के टिकट कट सकते हैं
पहले कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई वाली कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति ने हरियाणा में कई मौजूदा विधायकों के टिकटों पर मुहर लगा दी है, लेकिन के हवाले से कहा कि अब कुछ नामों को होल्ड किया गया है. जिन विधायकों के नामों को फिलहाल रोका गया है, उनमें धरम सिंह छोकर, सुरेंद्र पंवार, राव दान सिंह का नाम शामिल है. खास बात है कि इन सभी नेताओं को हुड्डा का करीबी माना जाता है.
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