उमेश यादव, सागर। जिले के सानौधा थाना क्षेत्र के परसोरिया गांव में मिडिल स्कूल की परमिशन पर एक मदरसा संचालित किया जा रहा था। एक वायरल वीडियो के आधार पर बाल आयोग की टीम ने जब स्कूल का निरीक्षण किया तो हैरान कर देने वाली स्थितियां देखने को मिली। बाल आयोग ने स्कूल पर नियमों के उल्लंघन के चलते कार्यवाही की बात कही है।

अनुमति मिडिल स्कूल की और पढ़ाई 10 वीं तक

बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह जिले के अधिकारियों की टीम के साथ सानौधा स्थित मौलाना आजाद मिडिल स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां बिना अनुमति से मदरसा संचालित पाया गया और इसके साथ ही कई अनियमितताएं पाई गई। स्कूल का परमिशन है लेकिन स्कूल परिसर में बिना परमिशन मदरसा संचालित पाया गया। अनुमति कक्षा 8 वीं तक की और 9 वीं व 10 वीं के बच्चे पढ़ते है। यहां का छात्रावास इबादतखाना है, इसके साथ ही जहां बच्चे खाना खाते और पढ़ते हैं वहां पर मस्जिद है। स्कूल का ड्रेस कोड भी कुर्ता, पायजामा और जालीदार टोपी है, कुछ बच्चे पगड़ी भी लगाए हुए मिले।

चार कमरों में स्कूल का स्टाफ

वायरल वीडियो में बच्चों का कहना था कि उनको अलसुबह उठा दिया जाता है। हमें नींद आती है लेकिन नमाज पढने उठा दिया जाता है, इसके साथ ही सुबह से ही मदरसा की पढ़ाई कराई जाती है। यहां वजू खाना भी बना हुआ है। यहां पर चार कमरों में स्कूल का स्टाफ रहता है। यहां पर 365 बच्चे थे। निरीक्षण में यह देखने में आया कि स्थानीय बच्चों का एडमिशन नहीं है, स्कूल में कहां के बच्चों को एडमिशन दिया गया है इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। कुछ ऐसे बच्चे भी मिले है जिन बच्चों का मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में नाम होना चाहिये लेकिन नहीं है। हमने ऐसे बच्चों की सूची निकाली है। श्री सिंह ने बताया कि स्कूल के नाम पर मदरसा संचालित किये जाने व अन्य अनियमतिताएं पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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