राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। भारत में कूनो है चीतों का पहला नेशनल पार्क अब तीन प्रदेशों के 17 जिलों को मिलाकर बनेगा सबसे बड़ा चीता संरक्षण क्षेत्र. इन प्रदेशों में मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जंगल शामिल किए जाएंगे. देश में चीता प्रोजेक्ट के दो साल पूरे होने पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथाॅरिटी ने वार्षिक प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट के जरिए चीतों के लिए सबसे बड़ा संरक्षण क्षेत्र तैयार करने का खुलासा हुआ है.

चीता संरक्षण क्षेत्र की सीमा

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथाॅरिटी की रिपोर्ट के अनुसार सबसे बड़े चीता संरक्षण क्षेत्र की सीमा श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से शुरू होगी. जो राजस्थान के मुकंदरा टाइगर रिजर्व से होते हुए मध्य प्रदेश के मंदसौर की गांधी सागर सेंचुरी तक जाएगी. इस सीमा में आने वाले जंगल सबसे बड़े चीता संरक्षण परिक्षेत्र के रूप में जाने जाएंगे. हालांकि सबसे बड़े चीता संरक्षण परिक्षेत्र का भू-भाग कितना होगा, फिलहाल इसकी कार्ययोजना तैयार नहीं की जा सकी है.

कूनो से गांधीसागर के बीच चीता काॅरिडोर

पांच साल के अंदर इस नए चीता काॅरिडोर का काम शुरू करने का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है. चीतों का संरक्षण क्षेत्र बढ़ाने के लिए अगले 25 साल की कार्ययोजना तैयार की है. जल्द ही कूनो से गांधीसागर के बीच चीता काॅरिडोर का काम भी शुरू होगा. वहीं अगले पांच साल में चीतों को पूरी तरह खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. कूनो में रह रहे चीते अभी एक से डेढ़ वर्ग किलोमीटर के बाड़ों में रह रहते हैं. एक चीते को आमतौर पर 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की जरूरत होती है.

तीन प्रदेशों के ये जिले होंगे शामिल
मध्य प्रदेश- श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, मंदसौर और नीचम। राजस्थान- बारां, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़गढ़। उत्तर प्रदेश- झांसी और ललितपुर के जंगल।

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