नई दिल्ली। नक्सली हिंसा के शिकार बस्तर जिले के लोग इन दिनों दिल्ली में देश-दुनिया के सामने वामपंथ के उग्रवादी चेहरे की हकीकत को दिखा रहे हैं, बता रहे हैं. इस कड़ी में पीड़ित लोग आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात करने राष्ट्रपति भवन पहुंचे. पीड़ितों के साथ बस्तर शांति समिति के सदस्य भी शामिल हैं. इसे भी पढ़ें : 5 बेटियों के सिर से उठा पिता का साया : युवक पर चाकू से हमला, अस्पताल में तोड़ा दम, गुपचुप बेच परिवार चलाता था मृतक
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर नक्सली हिंसा की वजह से अपने परिजनों को खोने वाले और शारीरिक अपंगता का बोझ ताउम्र झेलने वाले लोग दिल्ली में अपना दर्द बयां करने पहुंचे हैं. इन लोगों ने शुक्रवार को वामपंथ के गढ़ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) पहुंचे थे. कई पीड़ितों के विकलांग होने के बाद भी इनकी बस जेएनयू के बाहर रोक दी गई. ऐसे में वैकल्पिक साधन लेकर जेएनयू पहुंचे और अपनी समस्या से अवगत कराया.
इसके पहले नक्सल पीड़ितों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस दौरान शाह ने कहा था कि मोदी सरकार ने बस्तर के 4 जिलों को छोड़कर पूरे देश में नक्सलवाद को खत्म करने में सफल रही है. वहीं देश से नक्सलवाद को अंतिम विदाई देने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की गई है. गृह मंत्री ने नक्सलवाद को खत्म करने के साथ-साथ नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर अपने हथियार को छोड़ने की अपील की थी.
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