Pitra Paksha 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की एक विशेष अवधि होती है. यह अवधि 15 दिनों की होती है और हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन से शुरू होकर आश्वयज महीने की अमावस्या को खत्म होती है. इस दौरान, परिवार के लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा करवाते हैं. इसे ही श्राद्ध कर्म कहा जाता है.
इस दौरान दान और धार्मिक अनुष्ठान का बड़ा महत्व बताया गया है. ताकि पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले. परिवार में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे.
इस दौरान पूर्वजों के लिए, उनकी रूचि का खाना-पकवान बनाया जाता है. इसे कौओं को खिलाने का विधान है. मगर, आपको अगर कौएं नहीं मिलते हैं तो, जो शहर में सचमुच नहीं दिखते, तो किन्हें खिलाएं. इसका विधान भी है.आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
गौ माता को भोजन करवाएं (Pitra Paksha 2024)
गौ माता को पितृपक्ष में रोटी खिलाने से व्यक्ति को ग्रह दोष के साथ-साथ पितृदोष से भी छुटकारा मिल जाता है. गौ माता को खाना खिलाने से, परिवार के मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
चीटियों को खिलाएं भोजन
इस दौरान चीटियों को भोजन करवाना सौभाग्यशाली माना जाता है. चीटियों को आटा खिलाएं. इससे पितरों के आत्मा को शांति मिलती है.
कुत्ते को खिलाएं भोजन
पितृपक्ष में कुत्ते को भोजन कराना उत्तम फलदायी माना जाता है. ऐसा करने से शांति मिलती है. कुत्ते को यमराज और भैरव बाबा का वाहन माना जाता है. उन्हें पितृपक्ष में भोजन कराने से सभी दोषों से छुटकारा मिल जाता है.
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