कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। आने वाली 23 सितंबर से मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं क्योंकि प्रदेश भर के 12 हजार से ज्यादा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने जा रहे। यह सभी अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सीएम हाउस का घेराव करेंगे। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री को अपना मांग पत्र सौंपेंगे। इस दौरान उनकी मांगों का निराकरण न होने पर वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ सामूहिक अवकाश पर भी जा सकते हैं।
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दरअसल, एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उनका कहना है कि प्रदेश भर के 12000 से ज्यादा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारियों का शोषण लगातार किया जा रहा है। जिसको लेकर बड़ी बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि 23 सितंबर को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के साथ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस दौरान सरकार को अल्टीमेटम भी दिया जाएगा।
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बतादें कि कर्मचारियों की मुख्य मांग यह है कि सपोर्ट स्टाफ, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित अन्य सभी 12000 आउटसोर्स कर्मचारी को अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर विभाग में खाली पदों पर नियमित किया जाए। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज करने और ठेका प्रथा को पूरी तरह से बंद करने की मांग भी उठाई गई है। गौरतलब है कि, प्रदेश के यह 12000 आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदेश के 320 पोषण पुनर्वास केंद्र, SNCU चिकित्सा इकाई, शहरी स्वास्थ्य केंद्र, संजीवनी क्लिनिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में कार्यरत रहते है, यही वजह है कि उनके काम बंद करने पर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बड़ा असर पड़ेगा।
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