शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की हिंदी भाषा में पढ़ाई अन्य राज्यों के लिए भी विचार मंथन का विषय बन गई है। भारी विवादों के बाद शुरू हुए हिंदी में मेडिकल एजुकेशन को समझने के लिए राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी में आमद दर्ज कराई है। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग का यह दल हिंदी मेडिकल एजुकेशन को समझेगा। साथ ही एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भी भेजेगा।
गांधी मेडिकल कॉलेज के अफसरों ने बताया कि कई प्रदेशों से हिंदी मेडिकल एजुकेशन को लेकर पत्राचार हुआ। इसमें सबसे ज्यादा रुचि राजस्थान सरकार ने दिखाई। करीब एक दर्जन पत्राचार के बाद दल हिंदी में चिकित्सा शिक्षा की नीति और पाठ्यक्रम का समझा जा रहा है। दल में राजस्थान स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत मारवाड़ चिकित्सा यूनिवर्सिटी और राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय कोटा के चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
डेलीगेशन सदस्यों ने हिंदी पाठ्यक्रम, किताब, नोट्स और छात्र-छात्राओं से भी चर्चा की है। बायोकेमिस्ट्री, मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, सर्जरी,पैथोलॉजी, गायनिक, यूरोलॉजी और फिजियोलॉजी समेत अन्य डिपार्टमेंट की जानकारी ली गई। बता दें कि एमपी में फिलहाल हिंदी मेडिकल एजुकेशन को लेकर सभी सेमेस्टर के पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
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