कमल वर्मा, ग्वालियर। आठ साल पहले नोटबंदी के दौरान बंद हो चुकी करेंसी को बदलने का ठेका लेने वाले दो फर्जी व्यक्तियों को ग्वालियर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से 4.50 लाख रुपए के 100, 500 और 1000 के पुराने नोट बरामद हुए हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं। आशंका है कि यह गैंग पहले भी इसी तरह के नोटों को साठगांठ के माध्यम से ठिकाने लगाने में संलिप्त रहा है।

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पुरानी करंसी बदलने का धंधा

पुलिस को गश्त के दौरान पुरानी करेंसी बदलने का मामला हाथ लगा। पुलिस ने नई सड़क से मनोज और शिवसागर नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों के पास से कुल 4.50 लाख रुपए के बंद हो चुके 100, 500 और 1000 के नोट मिले। दोनों आरोपियों ने दावा किया कि यह उनका खुद का पैसा है और वे कई दिनों से इन पुराने नोटों को नई करेंसी से बदलने की फिराक में थे। इसके लिए वे बैंक के अंदर घुसपैठ रखने वालों से साठगांठ करने की कोशिश कर रहे थे।

क्राइम ब्रांच को इसकी भनक लगते ही पुलिस ने बैंक कर्मचारी बनकर इनसे संपर्क साधा और सौदा तय किया। जब मनोज और शिवसागर पुलिसकर्मियों को बैंक का कर्मचारी समझ कर बंद करेंसी के नोटों को थैले में लेकर पहुंचे, तब उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया गया। आरोपियों को इंदरगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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अब पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आठ साल पहले बंद हो चुकी करेंसी इन दोनों के पास कहां से आई और इसे नोटबंदी के दौरान क्यों नहीं बदला गया। इसके अलावा इस धंधे में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। सीएसपी अशोक सिंह जादौन ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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