रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. गदागंज थाना क्षेत्र से अजब-गजब मामला सामने आया है. जहां पैसों के बैग को जमा कराने पहुंचे शख्स को ही पुलिस ने आरोपी बना दिया. जिसके बाद व्यापारियों के कई दिनों के धरना प्रदर्शन के बाद आखिरकार शख्स को छोड़ दिया गया है.
दरअसल, बीते 20 अगस्त को जन सुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया दुकान बंद करके जा रहे थे. तभी उनके साथ लूट हो गई. बाइक सवार बदमाश रवि चौरसिया के हाथ से बैग छीनकर फरार हो गए. बैग में 8 लाख रुपये थे. बदमाश हड़बडाहट में बैग सड़क के किनारे ही छोड़कर फरार हो गए थे. बाद में रुपयों से भरा यह बैग दीपू नाम के दूसरे व्यापारी को मिला था. जिसे उसने इलाके के मानिंद लोगों के साथ थाने में जाकर जमा कराया था.
यही वो समय था जब गदागंज एसओ राकेश चंद्र आनंद की नियत खराब हुई और एसपी की नजर में बेहतर बनने के चक्कर में उसने नेक काम करने आए दीपू को ही लूट का आरोपी बना दिया. राकेश चंद्र आनंद ने माल बरामदगी दिखाते हुए दीपू को जेल भेज दिया. दीपू की इस गिरफ्तारी से व्यापारियों में नाराजगी थी. उनके कई दिन के धरना प्रदर्शन के बाद कप्तान ने पूरे मामले की विवेचना डलमऊ एसओ पवन सोनकर को सौंप दी थी. पवन सोनकर ने मामले की विवेचना के बाद कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में बताया कि दीपू ने अच्छे नागरिक का फर्ज अदा करते हुए अच्छी नियत से सड़क के किनारे पड़े बैग को थाने में जमा कराया था.
रिपोर्ट में बताया गया कि यहां एसओ राकेश चंद्र आनंद ने फर्जी गुड वर्क करते हुए उसे गिरफ्तार कर लूट के आरोप में 26 अगस्त को जेल भेज दिया था. अब कोर्ट ने विवेचना के आधार पर दीपू को रिहा कर दिया है. सामने नहीं आया है.
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