विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सियासी उफान चरम पर है ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के लिए अपना विस्तार करने का माकूल मौका भी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने 2 अक्टूबर को किसान चौपाल लगाने का फैसला किया है. जिसके तहत भाजपा सरकार की पोल और किसानों की आय दोगुनी करने के जैसे वायदों की भी गुत्थी को लेकर जनता/किसानों के बीच कांग्रेसी जाएंगे. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर इस चौपाल को आयोजित किया जाएगा. गांधी जयंती से उनके विचारधारा को आधार बनाकर कांग्रेस ने इस विषय को लेकर अपने सभी फ्रंटल संस्थाओं को व्यवस्था करने के निर्देश दिया है. साथ ही नुक्कड़ नाटक के जरिए भाजपा सरकार में हो रहे दलितों के उत्पीड़न की कहानी भी बयां करने के भी निर्देश दिए गए है.
सत्ता के वनवास से दो चार हो रही कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक आंकड़ों को छू तो लिया, लेकिन अब कांग्रेस अपनी जमीन खुद बनाने और बिखरे हुए जनाधार को फिर से समेटने का विचार कर रही है. यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे है.
जातिगत मुद्दों पर मुखर है पार्टी
यूपी के सीएम योगी के एक्शन और उसपर कांग्रेस का रिएक्शन खुलकर इस समय प्रदेश में देखने को मिल रहा है. शिक्षक भर्ती, पेपर लीक, जाति गणना इत्यादि मुद्दों पर कांग्रेस सड़को पर उतर गई है. पिछले प्रदर्शन में जिस तरह से कांग्रेस विधायक और सांसदों ने राजधानी की सड़कों पर सरकार के खिलाफ खुलकर हल्ला बोला था. उससे साफ है कि कांग्रेस अब यूपी में अपनी सियासी जमीन और पुराने वोटबैंक को फिर से सहेजने की तैयारी कर रही है.
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