लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश का जो प्रदर्शन रहा वो अब तक सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसका कारण भी है. प्रदेश में विधानसभा का उपचुनाव होना है. उसके बाद 2027 में विधानसभा का चुनाव भी होना है. हालांकि फिलहाल उपचुनाव सिर पर हैं. ऐसे में पिछले प्रदर्शन का आंकलन करना और उसकी चर्चा होना स्वाभाविक है. प्रदेश में लोकसभा के नतीजों को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ऐसे परिणाम आने की वजह के बारे में बताया है.
एक चैनल में इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि 2009 में नरेंद्र मोदी गुजरात में चुनाव अभियान के प्रभारी थे और एलके आडवाणी को प्रधानमंत्री बनना था. इसके बाद भी वह सफलता क्यों नहीं मिली. ऐसा नहीं है कि नरेंद्र मोदी ने उस कैंपेन को कुछ किया. लेकिन जो उनके समर्थक हैं उनके दिमाग में ये बात रही है कि अगर आडवाणी जीते तो मोदी को आगे पहुंचने में ज्यादा समय लग जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि ‘उसमें मुझे ये लग रहा है कि यूपी में भी ये हुआ होगा. कई लोगों को ऐसा लगा कि मोदी जी और अमित शाह बहुत बड़ी बहुमत से वापस आते हैं तो उससे योगी जी के कुर्सी पर खतरा हो सकता है. ये चर्चा खुलकर गावों में हुई है.
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