देहरादून। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (RIMC) में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कैडेट्स से आग्रह किया कि वे अपने संस्थान के आदर्श, बल और विवेक को चरितार्थ करें और ताकत, ज्ञान विकसित करें ताकि वे जीवन की बड़ी जंग को लड़ सकें.
जगदीप धनखड़ ने कहा कि ताकत और विवेक एक मजबूत संयोजन बनाते हैं. जो चुनौती का सामना करने पर अभेद्यता उत्पन्न करता है. देश की सेवा गर्व और निर्भीकता के साथ करें, भारत माता आपका इंतजार कर रही है. आपका आचरण अनुशासन, शिष्टाचार और सहानुभूति का उदाहरण होना चाहिए.
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उपराष्ट्रपति ने RIMC के पूर्व छात्रों और समुदाय से आग्रह किया कि वे एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करें. युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें. उन लोगों के खिलाफ़ कदम उठाएं जो ग्राउंड रियलिटी से अज्ञात हैं. भारत की अद्वितीय आर्थिक वृद्धि, विकास यात्रा और वैश्विक मंच पर उन्नति को नहीं मानते.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन को याद करें. चंद्रयान 2 आंशिक रूप से सफल हुआ. लेकिन पूरी तरह से नहीं. कुछ के लिए यह विफलता थी और समझदार लोगों के लिए यह सफलता की ओर एक कदम था. पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया और भारत इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला पहला राष्ट्र बन गया.
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RIMC और सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती की सराहना करते हुए उन्हाेंने कहा कि ये कदम लैंगिक समानता और न्याय के लिए महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाते हैं. हमारी महिलाएं लड़ाकू विमानों की पायलट हैं, वे अंतरिक्ष मिशनों की कमान संभाल रही हैं. हर रुकावट को तोड़ रही हैं. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण निश्चित रूप से एक गेम चेंजर होगा.
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