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यहाँ क्लिक करेंशामली. कभी-कभी कोर्ट में मामला चलते-चलते इतना समय बीत जाता है कि इससे जुड़े लोग परलोक सिधार जाते हैं. ऐसा ही एक मामला समाने आया है. जिसमें जाम लगवाने के आरोप में एक किसान नेता की गिरफ्तारी का वारंट उनकी मौत के करीब 13 साल बाद आया है. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होने का मामला काफी अजीब और हैरान करने वाला है. महेंद्र सिंह टिकैत की मौत 15 मई 2011 को हो चुकी थी. अब उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. ये वारंट कैराना जिला कोर्ट से जारी हुआ है और इसमें भोराकला पुलिस को आदेश दिए गए हैं कि वे उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें.

यह वारंट एक पुराने मुकदमे से संबंधित है, जो 2007 में शामली के कांधला पुलिस थाने में दर्ज हुआ था. इसमें आरोप था कि महेंद्र टिकैत ने कांधला क्षेत्र के खंदरावली में धरना प्रदर्शन के दौरान जाम लगाया था. इस मामले में पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह के बेटे मनीष चौहान भी नामजद थे. किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके खिलाफ जारी किए गए वारंट का कारण ये बताया जा रहा है कि अदालत में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र पेश नहीं किया गया था. इससे संबंधित दस्तावेजों की कमी के चलते कोर्ट ने ये कदम उठाया है.
राकेश और नरेश टिकैत के पिता हैं महेंद्र टिकैत
इस तरह के मामलों में अक्सर प्रशासनिक चूक या कानूनी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी होती है. हालांकि इस स्थिति को ठीक करने के लिए परिवार को अदालत में उचित दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता होगी. बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत महेंद्र सिंह टिकैत के ही बेटे हैं.
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