देश में है महादेव का एकलौता ऐसा शिव मंदिर, जहां त्रिशूल की जगह लगा है पंचशूल
महादेव के इस मंदिर की खास बात यह है कि इसके शिखर पर त्रिशूल नहीं पंचशूल लगा हुआ है. भगवान शिव के मंदिर में लगने वाले त्रिशूल में तीन नुकीले चोंच का एक हथियार है. वहीं, पंचशूल में पांच नुकीले चोंच बने होते हैं.
देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर के शिखर में पंचशूल लगा हुआ है. इसकी धार्मिक मान्यता है कि यह पंच विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ और ईष्या से व्यक्ति की रक्षा करता है.
मान्यता है कि भगवान शिव को पांच की संख्या बहुत प्रिय है. देश के कई हिस्सों में पंचमुखी महादेव के मंदिर हैं. इसी प्रकार पंचमुखी रुद्राक्ष, शिव का पंचाक्षरी मंत्र आदि उनकी साधना के लिए सबसे ज्यादा शुभ और कल्याणकारी माने गए हैं.
वैद्यनाथ मंदिर में लगे जिस पंचशूल के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के सारे दु:ख दूर हो जाते हैं, उसका वास्तु और धार्मिक दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्व है.
मान्यता है कि त्रेतायुग में लंका के राजा रावण ने भी अपनी स्वर्ण नगरी में पंचशूल लगवाया था, क्योंकि इसके बारे में मान्यता है कि जहां पर यह लगा होता है, वहां इसका एक सुरक्षा कवच बन जाता है, जिसे कोई भेद नहीं सकता था.